हंस और हंसिनी को भटकते-भटकते रात हो गयी, तो हंस ने हंसिनी से कहा देखो रात भी गई इसलिए हम किसी भी तरह यहाँ आज की रात बिता लेते हैं, फिर सुबह होते ही यहाँ से चले जायेंगे। पंचतंत्र की कहानी: मूर्ख बातूनी कछुआ – Murkh batuni kachua आम का https://lokhitkhabar.com/
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